काकोरी कांड
अंग्रेजों की जड़े हिलाने के लिए क्रांतिकारियों द्वारा किया गया ऐतिहासिक #काकोरी_ट्रेन_एक्शन जिससे अंग्रेजी हुकूमत सक्ते में आ गई और सभी प्रकार के मुद्दे छोड़ते हुए इसी केस को प्राथमिकता देते हुए सारी ताकत क्रांतिकारियों को पकड़ने के लिए छोंक दी।
अंग्रेजों को लगा कि यदि इसी प्रकार की घटनाएं बढ़ गई तो उनका डर खत्म हो जाएगा।
उधर एक शाल पर धोबी के निशान से रामप्रसाद बिस्मिल पकड़े गए। धीरे-धीरे पहचान होने से रोशन सिंह, अशफाक उल्लाखाँ, लहरी आदि पकड़े गए। लेकिन इन क्रांतिकारियों के इस प्रयास ने भारत वासियों के मन में एक विश्वास भर दिया, एक ज्वाला भड़कादी जिससे देश के युवा क्रांतिकारी गतिविधियों में सक्रीय होने लगे व अंग्रेजों की नाक में दम कर दिया।
चंद्रशेखर आज़ाद इसी क्रांतिकारी संघठन के प्रमुख थे। भगत सिंह, सुखदेव,राजगुरु, सुखदेवराज, भगवती चरण, जतिनदास इसी क्रांतिकारी संघठन के क्रांतिकारी थे। जिन्होंने बाद में ऊना आंदोलन चलाया, लाला लाजपतराय जी की हत्या का प्रतिशोध लिया व जेल में बचावी बयानों से देश में अंग्रेजी अत्याचार की पोल खोली व दूरदृष्टि व तीव्रबुद्धि का परिचय देते हुए जेल में बैठे बैठे ही बम बनाने का फॉर्मूला समाचार पत्रों के माध्यम से देशवासियों तक पहुचाया।
अपने अधिकारों के लिए जेल में भी दो महीने से भी अधिक समय तक भूख हड़ताल कर अंग्रेजी सरकार को झुका दिया।
सच क्या अद्भुत लोग थे जो प्रत्येक क्षण देश व समाज का ही चिंतन करते व हमारे लिए बलिदान हो गए।
टिप्पणियाँ
एक टिप्पणी भेजें